अपहरण का नाटक या ड्रामा? शिक्षिका अपहरण मामले में आया नया मोड़, अपनी मर्जी से जयपुर जाने का दिया बयान

वाटिका@लोहारू। ओबरा गांव की एक शिक्षिका के अपहरण मामले पर नया उस वक्त नया मोड़ आ गया जब शिक्षिका ने लोहारू में मजिस्ट्रेट के सामने अपनी मर्जी से जाने की बात कही। वीरवार देर शाम पुलिस ने शिक्षिका के बयान अदालत में कराए। इसके बाद शिक्षिका का स्वजनों के हवाले कर दिया गया।
डीएसपी अरविंद दहिया ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि 30 मार्च को पुलिस को सूचना मिली थी कि ओबरा की एक शिक्षिका का अपहरण कर लिया गया। वह अपनी आल्टो कार में स्कूल में आती थी। उसकी आल्टो कार लावारिश हालत में पाई गई जिसमें उसका दुपट्टा व चप्पलें भी थी। इससे पुलिस सकते में आ गई। पुलिस ने तुरंत अपहरण का मामला दर्ज करके तीन टीमें बनाकर जांच शुरू कर दी।
डीएसपी ने बताया कि शिक्षिका यहां से जयपुर चली गई थी। इसी दौरान शिक्षिका को पता चला कि उसके के बारे में पुलिस में अपहरण का मामला दर्ज हो चुका है। इससे घबराकर उसने अपने स्वजनों से संपर्क किया और अपनी कुशलता की बात कहते हुए जल्द ही लौट आने की बात कही। इसके बाद वह जयपुर से दिल्ली के लिए आ गई और बीच रास्ते में रेवाड़ी के पास उतर गई। यहीं से ही स्वजनों के साथ जांच कर रही पुलिस ने शिक्षिका को सली-सलामत हालत में बरामद कर लिया।
वीरवार देर शाम पुलिस लोहारू की अदालत में शिक्षिका को लेकर आई। डीएसपी ने बताया कि यहां न्यायाधीश के सामने शिक्षिका ने अपनी मर्जी से जयपुर जाने संबंधी उक्त बातों के बयान दिए हैं। इसके बाद शिक्षिका को स्वजनों के हवाले कर दिया गया। डीएसपी ने बताया कि शिक्षिका के साथ कोई भी अनहोनी या घटना नहीं हो पाई। वह बिल्कुल सुरक्षित थी।