जिस आंदोलन को मृत घोषित किया गया था वह तेजी से बढ़ रहा आगे – योगेंद्र यादव
मोनू आर्य,पुन्हाना
मेवाती किसान मोर्चा द्वारा हरियाणा-राजस्थान के सुन्हेड़ बाॅर्डर पर 63 वें दिन कृषि कानून के विरोध में महापंचायत का दूसरी बार आयोजन किया गया। जिसमें किसान मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक डाॅ. दर्शनपाल सिंह, स्वराज इंडिया के प्रमुख व किसान मोर्चा के प्रतिनिधि योगेंद्र यादव, शशी बाला ने शिरकत कर महापंचायत में शहीद हसन खा मेवाती के शहादत दिवस पर खिराजे अकीदत पेश की। उन्होने धरने पर बैठे किसानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि हम किसानों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खडे है।

उनके समर्थन में पूरे तन मन धन से समर्थन कर उनकों झुकने नहीं दिया जाएगा। स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने कहा कि यह सरकार वोटों की भाषा ही जानती है, लिहाजा हम असम और पश्चिम बंगाल जाएंगे और वहां की जनता से बीजेपी को सबक सिखाने की अपील करेंगे। सरकार आंदोलन को दबाने की जितनी कोशिश करेगी, यह उतना फैलेगा। आंदोलन का हरियाणा के सबसे पिछड़े जिले मेवात में जिस तरह से आंदोलन लगातार जारी है, वहीं इसका विस्तार तेजी से देश के दूसरे हिस्सों में हो रहा है। किसान आंदोलन के साथ मजबूती से खड़े हैं। यादव ने असम और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को देखते हुए कहा कि हम लोगों से वहां जाकर कहेंगे कि वे बीजेपी को सबक सिखाएं, ये सरकार वोटों की भाषा ही जानती है, लिहाजा आने वाले चुनावों को लेकर किसान नेता साझा तौर पर निर्णय लेकर अपनी रणनीति पेश करेंगे। उन्होंने दोहराया कि जिस आंदोलन को मृत घोषित किया गया था, वह तेजीसे आगे बढ़ रहा है, और विस्तार लेगा। मेवाती किसान मोर्चा के प्रवक्ता रशीद अहमद एडवोकेट ने कहा कि 23 मार्च को शहीद भगतसिंह की शहादत दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें गणमान्य लोगों को बुलाया जाएगा। ताकि लोगों को अच्छा संदेश जाएं उन्हें पता चले कि हमारा मेवात का इलाका देशभक्तों की भूमि है। वहीं उन्होंने बताया कि 26 मार्च को पुन्हाना में चक्का जाम किया जाएगा। मेवात में भेल ही रैल ना हो लेकिन बस व ट्रैफिक, गाडियों को रोककर चक्का जाम की स्थिति पैदा की जाएगी ताकि सरकार को यहां के किसानो के बारे में भी पता चले। वही इस मोके पर मौलाना अरशद मीलखेडला, अमरा राम, परमजीत, एडवोकेट राजेन्द्र सिंह, मोहम्मद बुरहान सलम्बा, मुबारिक अटेरना, तौफीक हिंगनपुर, मुफ्ती सलीम कासमी, अमित माठे (बामसेफ हरियाणा प्रभारी) शिफात खान, अब्दुल गफूर अलवर, सहित सैकड़ों महिला व हजारों की संख्या में किसान मौजूद थे।