हरियाणा फतेहाबाद जिले में धान की पराली जलाने पर लगा प्रतिबंध, धारा 144 लागू

फतेहाबाद (हरियाणा वाटिका): कृषि कानूनों को लेकर उठा बवाल अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं अब शासन और प्रशासन के सामने पराली की समस्या एक बार आ खड़ी हुई है। धान की कटाई शुरु होते ही फसली अवशेष खासकर धान की पराली को जलाने का सिलसिला भी शुरु हो गया। किसान धान की पराली न जलाएं इसके लिए फतेहाबाद जिला में धारा 144 लागू करते पराली जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
आदेशों की अवहेलना करने वालों से प्रशासन सख्ती से निपटेगा और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। जिलाधीश की ओर से जारी किए गए आदेशों में कहा गया है कि पराली का धुंआ इंसानों के साथ-साथ हर जीव जंतु के लिए खतरनाक है, इससे प्रदूषण में इजाफा होता है, इसलिए इसे जलाना किसी भी लिहाज से उचित नहीं है। अगर कोई भी व्यक्ति इन आदेशों की अवेहलना कर अपने खेतों में पराली जलाता है तो उसके खिलाफ धारा 188 के साथ-साथ पॉल्यूशन एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस बार प्रशासन की ओर से एक और आदेश भी जारी किए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि इस पट्टेदार के खिलाफ नहीं बल्कि जमीन के मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। यानि जिस खेत में पराली जलाई गई है उस खेत को कोई ठेके पर लेकर काश्त कर रहा है तो काश्तकार की बजाए सीधे तौर पर जमीन के मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके पीछे प्रशासन का तर्क है, जब भूमि मालिक अपनी जमीन किसी को ठेके पर देता है तो उस वक्त यह शर्त रखे कि उसके खेत में पराली नहीं जलाई जाएगी। बहरहाल, प्रशासनिक आदेश तो जारी हो गए हैं और खेतों में धान की कटाई भी शुरु हो चुकी है। जिले में कहीं कहीं पराली जलाए जाने की सूचनाएं भी मिल रही हैं। इस कोरोना काल में प्रशासन कितनी सख्ती से आदेशों की पालना करवाता है देखने वाली बात होगी।