कांटी खे़डी गांव की जमीन में आई रहस्यमय दरार की जांच करने पहुंची टीम

नारनौल: जिला के अटेली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गांव कांटी खेडी में करीब एक सप्ताह पहले जमीन फटने की रहस्यमय घटना की जांच करने के लिए जिला प्रशासन और भूगर्भ विशेषज्ञों की टीम ने बृहस्पतिवार को दौरा किया। उपायुक्त आर के सिंह के साथ चंडीगढ़ से भी भूगर्भ और भू जल विशेषज्ञों की टीम पहुंची थी। सभी जमीन में आई दरार की लंबाई और चौड़ाई का माप करने के साथ स्थानीय लोगों से बातचीत की। उपायुक्त ने बताया कि अभी जांच प्रक्रिया चल रही है। भूगर्भ विशेषज्ञों की टीम ने जायजा लिया है। उनकी रिपोर्ट आने के बाद ही जमीन फटने के असली कारणों के बारे में जानकारी दी जा सकेगी। टीम में भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम के सदस्य अतुल कोहली, प्रताप जघन, कृष्टि टॉम के साथ भू गर्भ जांच विशेषज्ञ अजीत सिंह व वीरेंद्र लांबा भी शामिल थे। वीरेंद्र लांबा ने इससे पहले 11 जुलाई को यहां का निरीक्षण किया था। उपायुक्त को अपनी रिपोर्ट देने के बाद ही बृहस्पतिवार को भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम और उपायुक्त मौके पर पहुंचे हैं।
सर्पाकार दरार बनी है रहस्य :
गांव के गोचर भूमि पर लगभग पांच छह एकड़ क्षेत्र में एक से तीन फुट सर्पाकार दरार आज भी रहस्य बना हुआ है। ग्रामीणों को इस दरार की जानकारी 11 जुलाई की शाम तब मिली जब गांव के कुछ बच्चे घूमते हुए उस जगह पर पहुंच गए, जहां करीब दूर-दूर तक करीब पांच से 7 फुट गहरी दरार दिखाई दी। कुछ लोग जहां 3 जुलाई को आए भूकंप के कारण भू-गर्भ की हलचल के कारण बता रहे हैं तो कुछ लोग लगातार गिर रहे जलस्तर से जमीन धंसना बता रहे हैं।
एक दशक पूर्व भी हुई थी ऐसी ही घटना:
महेंद्रगढ़ जिले में इससे पूर्व एक दशक पहले भी खटोटी खुर्द गांव की सीमा में नारनौल सिंघाना मार्ग के निकट दोहान नदी तटबंध के पास ऐसी घटना हो चुकी है।