इनेलो के चुनाव निशान चश्मे पर मंडराया खतरा, मान्यता प्राप्त दल के रूप में दर्जा वापस ले सकता है चुनाव आयोग!

चंडीगढ़। बीते वर्ष अक्टूबर,2019 में हुए हरियाणा विधानसभा के 13 वे आम चुनावो में भाजपा को प्रदेश में कुल पड़े वैध वोटों के 36.49 % वोट मिले जबकि कांग्रेस पार्टी का वोट प्रतिशत 28.08 % रहा। जहाँ तक सीटों का विषय है, तो भाजपा को 40 और कांग्रेस को 31 सीटें मिली (हालांकि वर्तमान में कांग्रेस की सीटें 30 हैं चूँकि दो माह पहले बड़ोदा हलके से कांग्रेसी विधायक श्री कृष्ण हुडा का देहांत हो गया )। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही प्रदेश की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन जहाँ भाजपा उम्मीदवारों की केवल 3 विधानसभा सीटों पर ही ज़मानत जब्त हुई, वहीँ कांग्रेस के प्रत्याशियों ने 27 सीटों पर अपनी ज़मानत राशि गंवाई। दूसरी और उन चुनावो में पहली बार चुनाव लड़ने वाली जननायक जनता पार्टी ( जजपा) ने विधानसभा की कुल 90 में से 87 सीटों पर चुनाव लड़ा और 10 सीटें जीती जबकि 57 सीटों पर उसकी ज़मानत जब्त हो गयी थी। जजपा का वोट प्रतिशत 14 .84 % रहा जिसके फ़लस्वरूप उसे भारतीय चुनाव आयोग द्वारा हरियाणा में मान्यता प्राप्त राज्ययी दल (स्टेट पार्टी ) का दर्जा प्रदान कर दिया गया। बहरहाल जहाँ तक प्रदेश में पहले से ही मौजूद मान्यता प्राप्त राज्ययी दाल इंडियन नेशनल लोक दल ( इनेलो) पार्टी का विषय है तो उसे गत वर्ष हुए हरियाणा विधानसभा चुनावो में चुनावो में कुल पड़े वैध वोटो के मात्र 2.44 % ही वोट मिले. इनेलो ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसके केवल इकलौते विधायक अभय सिंह चौटाला सिरसा ज़िले की ऐलनाबाद सीट से विजयी हुए जबकि 78 सीटों पर इनेलो की ज़मानत जब्त हुई। इनेलो को पूरे प्रदेश में केवल तीन लाख 6 हज़ार 28 वोट ही मिले। इससे पहले मई, 2019 में 17 वी लोक सभा के आम चुनावो में भी हरियाणा में जहाँ भाजपा ने सभी 10 सीटों पर विजय प्राप्त की उसे प्रदेश 58.21 % प्रतिशत वोट मिले जबकि कांग्रेस ने कोई सीट तो नहीं जीती परन्तु 28.51 % वोट हासिल किये। जहाँ तक मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी इनेलो का विषय है, तो उसने उन चुनावो में हरियाणा की सभी 10 सीटों पर चुनाव तो लड़ा लेकिन उसको केवल 1.9 % वोट ही मिले। उन चुनावो में जजपा ने आप पार्टी के साथ गठबंधन कर 10 में से 7 सीटों पर चुनाव लड़ा और 4.9 % वोट हासिल किये हालांकि उन चुनावो में जजपा मात्र एक रजिस्टर्ड पार्टी ही थी। इस सबके बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने गत दिनों भारतीय चुनाव आयोग के रिकॉर्ड से उक्त सभी आंकड़ों एकत्रित कर उनका अध्ययन करने और मौजूदा चुनावी कानून प्रावधानों का हवाला देते हुए बताया कि चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आबंटन) आदेश, 1968 के पैराग्राफ 6 ए के अनुसार ,जैसा की आज से 15 वर्ष पूर्व मई 2005 में डाला गया था, किसी भी राजनीतिक पार्टी को मान्यता प्राप्त राज्ययी दल के रूप में दर्जा प्राप्त करने के लिए प्रदेश के विधानसभा आम चुनावो में कम से कम 6 प्रतिशत वोट और न्यूनतम दो सीटें (अर्थात विधायक ) जीतना आवश्यक है अथवा विधानसभा की कुल सीटों की संख्या में कम से कम तीन प्रतिशत सीटें या तीन सीटें , जो भी अधिक हों , जीतनी जरूरी होती हैं एवं यह आंकड़ा 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के सम्बन्ध में तीन बनता है. इनेलो इन दोनों निर्धारित पैमानों पर अक्टूबर, 2019 हरियाणा विधानसभा आम चुनावो में असफल रही.