कोरोना योद्वाओं के शोषण मामलें में किशनलाल जालान अस्पताल सुर्खियों में

महिला कर्मचारियों का आरोप है कि एसएमओं एडविन द्वारा उनके साथ अभद्र तरीके से व्यवहार किया जाता है एवं उनके साथ कई बार गाली-गलौच भी की जाती है।
वाटिका@भिवानी। एक ओर जहां पूरे देशभर में कोरोना योद्वाओं का जोर-शोर से सम्मान किया जा रहा हैं वहीं दूसरी ओर भिवानी के किशनलाल जालान अस्पताल में कोरोना योद्धाओं को सुरक्षा उपकरण मांगने पर गाली और रहने-खाने के प्रबंध की मांग पर नौकरी से हटाने की धमकी मिल रही है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के शोषण के कारण भी अस्पताल इन दिनों सुर्खियों में हैं। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का आरोप है कि एसएमओं द्वारा उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। उनका विभिन्न तरीकों से शोषण किया जा रहा है। वहीं महिला कर्मचारियों का भी आरोप है कि एसएमओं एडविन द्वारा उनके साथ अभद्र तरीके से व्यवहार किया जाता है एवं उनके साथ कई बार गाली-गलौच भी की जाती है। महिला कर्मचारियों से आठ घंटे की ड्यूटी पूरी होनें के उपरांत भी उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान किया जाता है। एसएमओं के गलत व अशोभनीय व्यवहार से आहत महिला कर्मचारियों ने लिखित शिकायत देकर उच्चाधिकारियों से मांग की है कि मामलें की निष्पक्ष जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया जाये जिसमें उच्च स्तर के अधिकारी के अलावा महिला डाक्टर,महिला आयोग की सदस्य एक सामाजिक कार्यकर्ता को भी शामिल किया जाये ताकि मामलें की निष्पक्ष जांच हो सके। उल्लेखनीय है कि अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बनाये जाने वाले खानें की गुणवत्ता न होनें के कारण स्वेच्छा से भी गई मरीज अस्पताल को छोडक़र जानें को मजबूर हो चूके हैं। अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है लेकिन यहां कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कोई भी प्रबंध नहीं किये गये हैं। विगत दिवस इन आउटसोर्सिंग कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन भी किया गया एवं एसएमओं के अभद्र व्यवहार की शिकायत भी उच्चाधिकारियों से की गई। डिप्टी सीएमओं डॉ. हरेंद्र के आश्वासन के बाद कर्मचारी ड्यूटी पर तो लौट आए लेकिन सवाल उठता है कि कोरोना योद्वाओं का ऐसा सम्मान करना कहां तक जायज है। दूसरे मामलें को देखें तो इसी अस्पताल के वार्ड सर्वेंट्स ने मुख्य चिकित्सक पर लगाते हुए सीएमओ के नाम डिप्टी सीएमओ को लिखित शिकायत दी है। वार्ड सर्वेंट संदीप, संतकुमार आदि ने आरोप लगाया कि उन्हें ड्यूटी के दौरान न तो मास्क दिए जाते और न ही ग्लब्स उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। सैनिटाइजर की भी उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। विभाग की तरफ से उनके रहने-खाने की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। वार्ड सर्वेंट ने आरोप लगाया कि जब वे इस संबंध में अस्पताल के एमओ के पास शिकायत लेकर जाते है तो उन्हें अधिकारी गालियां तक देते हैं और नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। डिप्टी सीएमओ डॉ. हरेन्द्र ने बताया कि वार्ड सर्वेंट की मुख्य मांग सुरक्षा उपकरण की थी, जो उन्हें उपलब्ध करवा दिए गए हैं। उनके रहने-खानेकी व्यवस्था के संबंध में सीएमओ को अवगत करवाया जाएगा। कोरोना संक्रमण जैसी महामारी की स्थिति में एक सरकारी अस्पताल में कर्मचारियों के साथ इस प्रकार का दुव्र्यवहार बेहद ही शर्मनाक है। क्षेत्र के प्रबुद्व नागरिकों ने सरकार एवं प्रशासन से मांग की है कि कोरोना जैसी महामारी में पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से ड्यूटी करनें वाले कर्मचारियों को समस्त सुविधाएं उपलब्द करवानें के साथ-साथ शोषण से भी बचाया जाये। उन्होनें प्रशासन से मामलें की निष्पक्ष जांच की मांग भी की है एवं दोषी अधिकारियों के विरूद्व सख्त कार्यवाही की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति ना हो। गणमान्य नागरिकों ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से इस मामलें में संज्ञान लेनें व निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई है।