संपादक की गिरफ्तारी पर एकजुट हुए पत्रकार संगठन, की ये मांग

दिल्ली.पत्रकार संगठन नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने एक गुजराती न्यूज पोर्टल के संपादक पर राजद्रोह का मामला दर्ज किये जाने की निंदा करते हुए उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है। बता दें कि गुजराती न्यूज पोर्टल ‘फेस ऑफ नेशन’ के संपादक और मालिक धवल पटेल पर आईपीसी सेक्शन 124 ए (राजद्रोह) और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट सेक्शन 54 (गलत चेतावनी के लिए सजा) के तहत गिरफ्तार किया गया है। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के अध्यक्ष रास बिहारी व महासचिव प्रसन्ना मोहंती और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश थपलियाल व महासचिव के.पी. मलिक ने बुधवार को यहां जारी एक बयान में कहा है कि वे गुजरात के मुख्यमंत्री के बारे में खबर छापने पर पत्रकार की गिरफ्तारी का विरोध करते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संगठन की तरफ से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि हो सकता है कि यह खबर पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित न हो, पर कोई यह तो विचार रख सकता है कि मुख्यमंत्री महामारी का प्रकोप रोकने में असफल रहे और मंडाविया बेहतर काम कर सकते थे। राजद्रोह और आपदा प्रबंधन कानून के तहत धवल पटेल की गिरफ्तारी उचित नहीं है। पत्रकार की इस तरह से गिरफ्तारी को लेकर मीडिया बिरादरी में नाराजगी है। गुजरात के पत्रकार भी गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने धवल पटेल को तुरंत रिहा करने की मांग की है। साथ उन पर लगे सभी आरोप हटाने की भी मांग की है। गौरतलब है कि ‘फेस ऑफ नेशन’ न्यूज पोर्टल के एडिटर धवल पटेल ने राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले पर रिपोर्ट करते हुए गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना जताई थी। गुजरात पुलिस के मुताबिक, धवल पटेल ने कथित तौर पर 7 मई को अपने पोर्टल पर एक खबर लिखी थी, जिसका शीर्षक था, ‘मनसुख मंडाविया को हाईकमान ने बुलाया, गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना’। वहीं खबर में कहा गया था कि कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के कोरोना वायरस संकट से निपटने के तरीके से आलाकमान खुश नहीं है, लिहाजा रूपाणी के स्थान पर केंद्रीय मंत्री मंसुख मंडाविया को मुख्यमंत्री बना सकता है। मंडाविया केंद्रीय मंत्री और गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं।