अब खट्टर सरकार नहीं करेगी गौशालाओं का संचालन

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा प्रदेश सरकार स्वयं गौशालाओं को नहीं चलाएगी बल्कि का संचालन करने वालों को अनुदान प्रदान करेगी। इसी उद्देश्य के चलते पशुधन सर्वेक्षण समितियों का गठन किया जा रहा है।
चण्डीगढ़.हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि प्रदेश के सभी निराश्रय पशुओं, विशेषकर गायों और नंदियों को प्रदेश की सभी गौशालाओं में आश्रय प्रदान करने के उद्देश्य से शीघ्र ही प्रदेश के सभी खंडों में 225 पशुधन सर्वेक्षण समितियों का गठन किया जाएगा और गौशालाओं का संचालन करने वालों को अनुदान प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री वीडियो कान्फ्रेंसिंग (के माध्यम से उपस्थित उपायुक्तों, प्रदेश के पशुपालन विभाग के सभी उप-निदेशकों, गौ-रक्षक समितियों के प्रतिनिधियों तथा गौ सेवकों के साथ बैठक कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लगभग 600 गौशालाएं हैं। मुख्यमंत्री ने गौ-रक्षक समितियों के प्रतिनिधियों व गौ सेवकों से आग्रह किया कि इन गौशालाओं में निराश्रय पशुओं, विशेषकर गायों और नंदियों को आश्रय प्रदान करने के लिए सरकार के मार्गदर्शन में सुचारू रूप से व्यवस्था बनाने में अपना सहयोग दें। उन्होंने कहा कि सरकार स्वयं गौशाला नहीं चलाएगी बल्कि गौशालाओं का संचालन करने वालों को अनुदान प्रदान करेगी और अपनी तरफ से हर संभव सहायता प्रदान करेगी तथा इसी उद्देश्य के चलते पशुधन सर्वेक्षण समितियों का गठन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राय: यह देखने में आया है कि सभी गौशालाएं गायों को रखने के लिए तैयार हो जाती हैं परंतु नंदियों को रखने के लिए कोई तैयार नहीं होता। उन्होंने गौशाला संचालकों से आग्रह किया कि वे नंदियों को आश्रय प्रदान करने के लिए अलग से नंदी शालाएं बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच सदस्यों वाली इन खंड स्तरीय समितियों की अध्यक्षता वेटरनरी सर्जन करेंगे और इसके अन्य सदस्यों में गौ-सेवा आयोग के प्रतिनिधि, क्षेत्र की प्रमुख गौशाला के संचालक और जिला उपायुक्त के स्तर पर दो समाजसेवी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर इन समितियों की निगरानी पशुपालन विभाग के उप-निदेशक करेंगे। और उन्हें सदस्यों की संख्या पांच से छ: करने का भी अधिकार होगा। अनुपात के अनुसार राशि प्रदान की जाएगी मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुदान की राशि उपयोगी और अनुपयोगी पशुओं के अनुपात के अनुसार ही प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा में पारित प्रस्ताव के अनुसार 33 प्रतिशत से कम अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को कोई सरकारी अनुदान प्रदान नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 33 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को प्रति वर्ष 100 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा। 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को प्रति वर्ष 200 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा। 76 प्रतिशत से 99 प्रतिशत तक अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को प्रति वर्ष 300 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा शत-प्रतिशत यानि 100 प्रतिशत अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को प्रति वर्ष 400 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल नंदियों को ही रखने वाली गौशालाओं/नंदी शालाओं को प्रति वर्ष 500 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नंदी और अनुपयोगी गायों को सम्मलित रूप से रखने वाली गौशालाओं को प्रति वर्ष 400 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा।