आईएएस अधिकारी रानी नागर का इस्तीफा नामंजूर, दूसरे काडर में भेजने की सिफारिश

चंडीगढ़। हरियाणा काडर की चर्चित आईएएस अधिकारी रानी नागर द्वारा दिए गए इस्तीफे को हरियाणा सरकार द्वारा नामंजूर कर दिया गया है। रानी ने गत दिवस इस्तीफा देने औऱ घर की अनुमति मिल जाने के बाद अपनी बहन के साथ गाजियाबाद चलींं गई थी। वहीं उनके त्यागपत्र से हरियाणा की सियासत गर्मा गई थी। भरोसेमंद उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया है कि राज्य सरकार की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने रानी नागर के इस्तीफे का पूरा मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री व बाकी अफसरों के साथ में विचार-विमर्श किया। मामले में मुख्यमंत्री और सीएमओ के अफसरों ने फिलहाल इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया है। दूसरा बताया जा रहा है कि पूरे मामले में सरकार फूंक फूंककर कदम रखेगी साथ ही इस महिला अधिकारी द्वारा अगर किसी अन्य राज्य में सर्विस करने का विकल्प दिया जाता है, तो उस पर भी सरकार विचार करेगी। इतना ही नहीं रानी की सहमति बनती है, तो उसको दूसरे काडर में भेजने की सिफारिश भी राज्य की ओर से कर दी जाएगी। रानी नागर का फिर आरोप, लोहे के पिन डालकर खाना दिया जाता था वहीं आईएएस अफसर रानी नागर ने फिर बेहद सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। बृहस्पतिवार को रानी नागर ने फिर ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि यूटी गेस्ट हाउस में उन्हें खराब खाना दिया जाता है। खाने में लोहे के पिन मिलाकर दिया जाता था। उनके इस आरोप से हड़कंप मच गया है। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान उस गेस्ट हाउस को जनता के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन मुझे और मेरी बहन रीना नागर को वहीं रखा गया। कर्फ्यू और लॉकडाउन में हमें वहां खाना भी नहीं मिला।उन्होंने लिखा कि, पैसे देने के बावजूद भी हमें खराब खाना दिया जाता था। तब मैंने और मेरी बहन ने तरल पदार्थ आदि से अपना गुजारा चलाया। उन्होंने ने लिखा कि,’बेहतर होगा कि आप मेरा इस्तीफा रोकने के आग्रह और आंदोलन न करें। मेरे इस्तीफा स्वीकार ना होने से मेरा और अधिक शोषण होगा। आईएएस अधिकारी रानी नागर ने 4 मई को अपना त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद वह अपनी बहन के साथ उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में अपने घर चली गई थीं। उनके त्याग पत्र से हरियाणा की सियासत गर्मा गई थी। वहीं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रानी नागर के लिए आवाज उठाई है।