महाराजा जस्सा सिंह ने करवाया था 2200 हिंदू कन्याओं को मुस्लिम शासक की कैद से मुक्त : अमित वालिया

सतनाली में सोशल डिस्टैंस के साथ मनाई गई महाराज जस्सा सिंह की 303वीं जंयती
सतनाली। हिंदू सम्राट महाराज जस्सा सिंह आहलुवालिया के 303वें जन्मदिवस पर कस्बे में सर्व समाज के गणमान्य लोगों द्वारा सोशल डिस्टैंस के साथ उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया। इस मौके पर डा.एल सी वालिया मैमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष अमित वालिया ने कहा कि महाराज जस्सा सिंह आहलुवालिया ने लाल किला फतह कर मुस्लिम शासक अहमद शाह अब्दाली की कैद से 2200 हिंदू कन्याओं को मुक्त करवाया था तथा वे एकमात्र हिंदू शासक रहे जिन्होंने दिल्ली को फतह कर मुस्लिम शासकों को अपनी वीरता का लोहा मनवाया। उन्होंने कहा कि कोई भी समाज एकजुट हुए बिना तरक्की नहीं कर सकता। जिस समाज के लोग संगठित होंगे वह समाज उतनी ही तरक्की करेगा। इसीलिए समाज के सभी लोगों को संगठित रहकर समाज को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करने चाहिए। राजपूत सभा के जिला प्रधान सवाई सिंह राठौड़ ने कहा कि जो भी बिरादरी अपने मूल को भूल जाती है वह कभी तरक्की नही कर सकती। बिरादरी को पहचान दिलाने व समाज में आगे बढऩे के लिए उस समाज के लोग यदि खुद की ताकत व विरासत को समझे तभी उसका उत्थान हो सकता है। उन्होंने कहा कि समाज के युवाओं को महाराजा जस्सा सिंह के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढऩा चाहिए। इस मौके पर उन्होंने युवाओं को पूर्वजों की विरासत, बिरादरी के इतिहास व महापुरूष सरदार जस्सा सिंह आहलुवालिया के बारें में जानकारी दी। इस दौरान सर्व समाज के लोगों ने सरकार से मांग की कि सतनाली में राजकीय महाविद्यालय या आईटीआई का नामकरण महाराज जस्सा सिंह अहलुवालिया के नाम से किया जाए ताकि युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा मिल सके। इस मौके पर डा. यशवंत सिंह, नीरज सतनाली, सुनील तंवर, संजय जांगड़ा, निरंजन वालिया, प्रमोद निमीवाल, रवि वालिया सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने सोशल डिस्टैंस के साथ जस्सा सिंह को श्रद्वांजलि अर्पित की।