अब राज्यों के बाबू झटके के लिए रहें तैयार,डेढ़ साल तक वेतन में नहीं होगी कोई वृद्धि

केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में कोई वृद्धि नहीं करने के केंद्र सरकार के फैसले का असर अब राज्यों में भी दिखेगा.
7th pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में कोई वृद्धि नहीं करने के केंद्र सरकार के फैसले का असर अब राज्यों में भी दिखेगा. केंद्र सरकार ने 30 जून 2021 तक महंगाई भत्ते में कोई वृद्धि नहीं करने का फैसला किया है. केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी अगर इस फैसले पर अमल करती हैं तो करीब 1.20 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी. दरअसल, राज्य सरकारें भी केंद्र सरकार के वेतन व्यवस्था को मानक मानकर अपने कर्मचारियों को तमाम तरह के भत्ते देती हैं. ऐसे में इसकी पूरी उम्मीद है कि राज्य सरकारें भी केंद्र के इस फैसले के अनुरूप ही चलेंगी. दरअसल, 7th pay Commission के प्रावधानों के मुताबिक मौजूदा समय में कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का 17 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है. साल में दो बार महंगाई भत्ते में वृद्धि से कर्मचारियों के वेतन में ठीक-ठाक वृद्धि हो जाती है. लेकिन अब सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 30 जून 2021 तक किसी प्रकार की वृद्धि नहीं होगी. बृहस्पतिवार को वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी एक ज्ञापन में कहा गया था कि कोविड- 19 से उत्पन्न संकट को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि कर्मचारियों को एक जनवरी 2020 से मिलने वाले महंगाई भत्ते (डीए) और पेंशन भोगियों का दी जाने वाली महंगाई राहत (डीआर) की किस्त का भुगतान नहीं किया जाएगा. इसमें यह भी कहा गया है कि इसके साथ ही एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 में दी जाने वाली डीए और डीआर की अतिरिक्त किस्तों का भी भुगतान नहीं होगा. इसमें स्पष्ट किया गया है कि केन्द्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 30 जून 2021 तक मौजूदा 17 प्रतिशत की दर से ही डीए और डीआर का भुगतान होता रहेगा. इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि एक जनवरी 2020 से लेकर 30 जून 2021 की अवधि के बकाये डीए और डीआर का भुगतान भी नहीं होगा.
जुलाई 2021 के बाद मिलेगा मोटा पैसा
हालांकि, सरकार एक जुलाई 2021 के बाद जब भी डीए और डीआर की नई किस्त जारी करेगी तब पिछली अवधि के दौरान महंगाई में हुई वृद्धि को इसमें शामिल कर लिया जाएगा. केन्द्र सरकार ने पिछले महीने ही अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की थी. यह वृद्धि एक जनवरी 2020 से लागू होनी थी. इस वृद्धि का चालू वित्त वर्ष 2020- 21 के दौरान सरकारी खजाने पर कुल 27,100 करोड़ रुपये का बोझ पड़ना था. लेकिन महंगाई भत्ते की इस बढ़ी किस्त का भुगतान अभी रोक दिया गया है.