ज्योतिरादित्य सिंधिया:न घर के रहे न घाट के

नई दिल्ली.ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल तो हो गए। इस वजह से मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिर गई। भाजपा ने सरकार बना ली। शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन गए। लेकिन उसके बाद सिंधिया घर के रहे न घाट के। एक खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसके मुताबिक सिंधिया मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल के गठन में अपनी भूमिका मजबूत करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने का समय मांगा। कहा गया- अमित शाह से मिल लें। अमित शाह ने उन्हें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने को कहा। नड्डा ने उन्हें राजनाथ सिंह से मिलने की सलाह दी। राजनाथ सिंह उनसे मिले, उन्हें चाय पिलाई। फिर कहा मामला मध्य प्रदेश का है तो आप शिवराज सिंह से मिल लें।
शिवराज सिंह ने उनसे पहले वीडी शर्मा से मिलने को कहा। वीडी शर्मा या विष्णुदत्त शर्मा खजुराहो से सांसद हैं और भाजपा ने उन्हें 15 फरवरी को मप्र भाजपा अध्यक्ष बनाया है। प्रदेश की राजनीति में उनकी खास पहचान नहीं है। हालांकि वह लंबे समय से संगठन से जुड़े हुए हैं और संघ के चहेते हैं। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया को वीडी शर्मा जिम्मेदारी सौंपेंगे। इस घटनाक्रम से सिंधिया अब पूरी तरह जमीन पर आ गए हैं। मोदी और शाह उनसे मिलने के लिए भी तैयार नहीं। अब वह यही सोच रहे होंगे कि उन्होंने कांग्रेस छोड़कर कोई गलती तो नहीं की?