दक्षिण अफ्रीका के साथ ही भारत ने लॉकडाउन की घोषणा की थी, लेकिन भारत में 7 गुना नए मामले आए सामने

बेंगलुरु: भारत और दक्षिण अफ्रीका ने एक ही साथ में कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए कड़े लॉकडाउन उपायों को लागू किया था. लेकिन सामाजिक-राजनीतिक, आर्थिक और जनसंख्या संरचनाओं में दोनों देशों की तुलना नहीं की जा सकती है. लॉकडाउन से पहले और उसके दौरान आक्रामक परीक्षण की दक्षिण अफ्रीकी रणनीति की वजह से अब लगभग दैनिक मामले कम आ रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका और भारत ने लगभग एक साथ लॉकडाउन किया था.
पहले पुष्टि किए गए मामले 30 जनवरी के 54 दिन बाद भारत 24 मार्च को राष्ट्रीय लॉकडाउन में गया, जबकि दक्षिण अफ्रीका ने अपने पहले मामले 5 मार्च के 21 दिन बाद 26 मार्च को लॉकडाउन किया.सोमवार की सुबह तक भारत में 559 मौतों के साथ 17,615 सक्रिय मामले हैं. जबकि दक्षिण अफ्रीका में 54 मौतों के साथ सिर्फ 3,158 मामले हैं.
लॉकडाउन का प्रभाव
भारत और दक्षिण अफ्रीका पूरी तरह से तुलनात्मक नहीं हैं. जनसांख्यिकीय भिन्नताओं के कारण अफ्रीकी राष्ट्र की महामारी की प्रतिक्रिया से सबक ले सकता है. जिस दिन भारत में लॉकडाउन शुरू हुआ, उस दिन देश में 18 मौत के साथ कुल 536 मामले थे. इसके विपरीत, दक्षिण अफ्रीका ने पहले ही 927 मामलों की सूचना दी थी, लेकिन इसके बंद होने के दिन कोई मौत नहीं हुई. अफ्रीकी देश में संख्या 1,000 का आंकड़ा पार करने के बाद पहली मृत्यु हुई थी. लॉकडाउन से लगभग एक महीने बाद भारत में 17,079 नए मामले सामने आए हैं. जबकि दक्षिण अफ्रीका ने 2231 नए मामले दर्ज किए हैं. अब तक के लॉकडाउन की अवधि के दौरान भारत ने 541 नई मौतें हुई हैं, जबकि साउथ अफ्रीका में केवल 54 मौतें हुई हैं.