गृह मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइन, कहा- ‘जो प्रवासी मजदूर जहां हैं वे वहीं रहेंगे’

नई दिल्ली: बांद्रा और सूरत की घटनाओं को देखते हुए गृह मंत्रालय ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि जो प्रवासी मजदूर जहां फंसे हैं वे उन्हीं राज्यों में रहेंगे और वहां से बाहर नहीं जा सकते हैं. रविवार को गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फंसे मजदूरों की आवाजाही के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया है. इसमें कहा गया है कि वर्तमान में विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फंसे मजदूरों को वहां से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी. वे जहां भी हैं वहीं रहें. गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले मुंबई के बांद्रा में अचानक हजारों मजदूरों की भीड़ अपने मूल राज्यों में जाने की मांग के साथ इकट्ठा हो गई थी. यही नहीं सूरत व अन्य कई जगहों पर प्रवासी मजदूर अपने मूल राज्य में जाने के लिए परेशान हैं. ऐसे में प्रवासी मजदूरों की समस्या को लेकर केंद्र सरकार के मंत्रियों ने शनिवार को एक बैठक भी की थी. नए दिशानिर्देश जारी करते हुए, गृह मंत्रालय ने कहा कि जो प्रवासी श्रमिक वर्तमान में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में राहत शिविरों में रह रहे हैं, उन्हें संबंधित स्थानीय अधिकारियों के साथ रजिस्टर किया जाना चाहिए और विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए उनकी उपयुक्तता का पता लगाने के लिए उनकी स्किल मैपिंग की जानी चाहिए. गृह मंत्रालय ने कहा, “यदि प्रवासी कामगारों का कोई समूह जहां वे काम कर रहे हैं उसी राज्य के भीतर अपने काम के स्थानों पर वापस लौटना चाहता है, तो उनकी जांच की जानी चाहिए और जिन लोगों में कोई लक्षण नहीं हैं उन्हें उनके काम के स्थानों पर ले जाया जाएगा.”