आनॅलाईन कक्षाओं की राह में रोड़ा बन रही नेटवर्क की समस्या

ऑनलाइन क्लास अटेंड करने में नेटवर्क डाऊन होने की समस्या रहती है
अमित वालिया
वाटिका@लोहारू। कोरोना संक्रमण को लेकर चल रहे लॉकडाऊन के दौरान सभी शिक्षण संस्थानों में अवकाश चल रहे है वहीं अनेक स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई चल रही है। स्कूल बंद होने के कारण बच्चे घर पर ही पढ़ाई करने में काफी रुचि दिखा रहे हैं। लेकिन बच्चों को ऑनलाइन क्लास अटेंड करने में नेटवर्क डाऊन होने की समस्या रहती है। शिक्षा व्यवस्था को ठीक ढंग से चलाने के लिए ऑनलाइन एजुकेशन दी जा रही है लेकिन अपने विद्यार्थियों को बेहतर ढंग से पढ़ाना देना एक चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया है। स्कूलों की ओर से जब ऑनलाईन कक्षा लग रही होती है तो स्पीड कम होने से पढ़ाई नहीं हो पाती है। ऐसे में जो शिक्षक कक्षा में उपस्थित विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रयासरत रहता है, वहीं पढ़ाने वाले अध्यापकों को अधिक मेहनत करनी पड़ रही है। इस प्रक्रिया में शिक्षकों को होशियार ही नहीं बल्कि कमजोर से कमजोर विद्यार्थी की सोचकर ही अपनी रूपरेखा बनानी पड़ रही है। शिक्षकों ने बताया कि पहले कक्षा में विषय के हिसाब की पढ़ाई कराई जाती थी लेकिन अब उन्हें विद्यार्थियों के बात करने के बाद प्लानिंग के अनुसार ही विषय दिया जा रहा है ताकि कक्षा के कमजोर व होशियार विद्यार्थी एक साथ चल सके तथा उन्हें समझने में भी कोई कठिनाई ना हो। इसी के अनुसार ही विषय का प्लान बनाया गया है। जिस पाठ्यक्रम को पढ़ाना होता है उसे पहले खुद पढ़ा जाता है तथा उसके बाद वह आसान तरीके से स्टडी मैटीरियल बनाकर ही अपने विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं। वहीं गांव नांवा निवासी छात्र मुकेश ने बताया कि कई मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क की स्पीड के कारण वे ऑनलाइन कक्षाएं नहीं लगा पा रहे है। जब भी कक्षा का समय होता है, तो कभी नेटवर्क की समस्या आती है तो कभी नेटवर्क की स्पीड़ काफी कम होने से परेशानी होती है। नालंदा स्कूल डालनवास के निदेशक विक्रम सिंह लांबा ने बताया कि सबसे पहले तो दुख है कि हम स्कूल में बच्चों को नहीं पढ़ा पा रहे है, लेकिन ऑनलाइन कक्षाएं लगाकर विद्यार्थियों को प्रोवाइड करवा रहे हैं। स्कूल ने समय के अनुसार ही विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है। विद्यार्थियों को एक लेक्चर सिस्टम से पढ़ाते है। इसमें पीपीटी के माध्यम से भी विद्यार्थियों को पढ़ा रहे है।
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