हरियाणा: तीन दिन बाद ही सरकार ने फैसला लिया वापस, हरे कार्ड धारकों को नहीं मिलेगा सस्ता राशन

चंडीगढ़. प्रदेश में हरे राशन कार्ड धारकों (एपीएल) को सरकारी राशन डिपो से अब सस्ता राशन नहीं मिलेगा। घोषणा के तीन दिन बाद ही सरकार ने फैसला वापस ले लिया है। सरकार का मानना है कि गरीबी रेखा से ऊपर के लोग लॉकडाउन से पहले भी अन्य दुकानों से राशन की खरीद कर रहे थे और इस वक्त भी वे सक्षम हैं। लिहाजा, सरकार का ध्यान गरीब असहाय और जरूरतमंद लोगों पर ही रहेगा।मुख्यमंत्री ने सात अप्रैल को घोषणा की थी कि अब प्रदेश के सरकारी राशन डिपो पर एपीएल राशन कार्डधारकों को भी डिपो पर गेहूं, चीनी और सरसों का तेल बाजार भाव से कम भाव पर उपलब्ध करवाया जाएगा। सरकार ने एपीएल कार्डधारकों के लिए राशन के रेट भी निर्धारित किए थे। एपीएल कार्डधारकों को राशन डिपो से चीनी 39 रुपये प्रति किलो, गेहूं 23.50 रुपये किलो और सरसों की तेल की एक बोतल 105 रुपये की निर्धारित की थी।
बाजार की अपेक्षा उक्त चीजों का यह रेट थोड़ा कम है। सरकार ने सभी राशन डिपो संचालकों को इस संदर्भ में तैयार रहने के भी निर्देश दिए थे। मगर सरकार के फैसले और उक्त चीजों के रेट को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधना भी शुरू कर दिया। विपक्षी नेताओं का कहना था कि सरकार द्वारा तय किए गए रेट बाजार भाव के अपेक्षाकृत बहुत ज्यादा सस्ते नहीं है।खैर, सरकार ने कुछ कारणों को लेकर अपने इन आदेश से यू-टर्न ले लिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकार और अफसरों के स्तर पर मंथन में इस बात की चर्चा की गई कि लॉकडाउन में मुख्य फोकस गरीब जरूरतमंद और असहाय लोगों पर ही रखना उचित होगा।
इस मंथन में यह बात भी सामने आई कि एपीएल कार्ड धारक गरीबी रेखा से ऊपर वाला कोई भी व्यक्ति हो सकता है और इन्हें पहले भी कोई राशन सरकारी डिपो के माध्यम से नहीं मिलता था। ये लोग बाहर से ही राशन खरीद कर अपना गुजर-बसर करने में सक्षम है।
अब इस लॉकडाउन पीरियड में भी अभी तक एपीएल कार्ड धारक सभी लोग बाहर से ही राशन लेकर गुजारा कर रहे हैं। लिहाजा इन लोगों को राशन डिपो से सस्ता राशन देने की कुछ खास जरूरत नहीं दिख रही है। सरकार सिर्फ उन लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराए, जिनके लिए लॉकडाउन में अपना गुजर-बसर करना मुश्किल हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार सरकार घोषणा पर इस वक्त अपने विपक्षियों को इस पर राजनीति करने का मौका भी नहीं देना चाहती है। उधर, सरकार गरीबों असहाय और जरूरतमंद लोगों को राशन डिपो और ड्राई पैकेट के जरिये मुफ्त राशन वितरित करने में लगी हुई है। अब तो सर्वे के दौरान लोगों से यह भी पूछा जा रहा है कि उन्हें राशन सूखा चाहिए या तैयार भोजन। ऐसे लोगों को सरकार प्रति सप्ताह आर्थिक मदद भी कर रही है। लिहाजा सरकार ने इन्हीं जरूरतमंद लोगों पर अपना फोकस रहते हुए अपने 7 अप्रैल वाले फैसले को वापस ले लिया है।